DIVYASHANKHNAAD
  • होम
  • श्रीनाथजी दर्शन
  • यूट्यूब चैनल
  • पुष्टि – सृष्टि
  • आम की कलम
  • नाथद्वारा
  • राजस्थान
  • देश-विदेश
  • फिचर
No Result
View All Result
  • होम
  • श्रीनाथजी दर्शन
  • यूट्यूब चैनल
  • पुष्टि – सृष्टि
  • आम की कलम
  • नाथद्वारा
  • राजस्थान
  • देश-विदेश
  • फिचर
No Result
View All Result
DIVYASHANKHNAAD
No Result
View All Result
  • होम
  • श्रीनाथजी दर्शन
  • यूट्यूब चैनल
  • पुष्टि – सृष्टि
  • आम की कलम
  • नाथद्वारा
  • राजस्थान
  • देश-विदेश
  • फिचर
Home श्रीनाथजी दर्शन

आज श्रीनाथजी को श्री महाप्रभुजी के उत्सव का परचारगी श्रृंगार

Divyashankhnaad by Divyashankhnaad
27/04/2022
in श्रीनाथजी दर्शन
0
आज श्रीनाथजी को श्री महाप्रभुजी के उत्सव का परचारगी श्रृंगार
Share on FacebookShare on TwitterShare on whatsapp

व्रज – वैशाख कृष्ण द्वादशी, बुधवार, 27 अप्रैल 2022

परचारगी का आज नियम का श्रृंगार है

  • सेवाक्रम:
    • आज से मंगला दर्शन में पीठिका के ऊपर धरायी जाने वाली दत्तु नहीं धरायी जाती है
    • आज प्रातः मंगला से श्रृंगार तक श्री द्वारकेशजी महाराज कृत ‘मूल पुरुष’ गायी जाती है एवं सारे दिन प्रत्येक समां में बधाई एवं श्रीवल्लभ की बाल-लीला के कीर्तन गाये जाते हैं
    • घेरदार, चाकदार और खुलेबंद के वागा भी आज से नहीं धराये जायेंगे
    • आज से प्रभु को मलमल के उष्णकाल के वस्त्र पिछोड़ा, परदनी, धोती-पटका, मल्लकाछ आदि ही धराये जायेंगे
    • आज दो समय की आरती थाली में की जाती है
    • झारीजी सभी समय यमुनाजल की आती है
    • आज पिछवाई के अलावा सभी वस्त्र एवं श्रृंगार पिछली कल की भांति ही होते हैं
    • केवल कल के खुलेबन्द के वागा के स्थान पर पिछोड़ा धराया जाता है
    • लेकिन यदि ऋतु में ठंडक हो तो आज खुलेबन्द भी धराये जा सकते हैं इसे परचारगी श्रृंगार कहते हैं
    • श्रीजी में अधिकांश बड़े उत्सवों के एक दिन बाद उस उत्सव का परचारगी श्रृंगार होता है

श्रीजी दर्शन:

  • साज:
    • आज श्रीजी में एक ओर अग्नि-कुंड में से श्री महाप्रभुजी के प्राकट्य और दूसरी ओर श्री गिरिराजजी की कन्दरा में से श्रीजी के प्राकट्य के सुन्दर चित्रांकन वाली पिछवाई धरायी जाती है
    • गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है
    • एक पडघा पर बंटाजी में बीड़ा व दुसरे पर झारीजी पधराई जाती है, सम्मुख में धरती पर त्रष्टि धरी जाती हैं
  • वस्त्र:
    • आज श्रीजी को केसरी मलमल का पिछोड़ा धराया जाता है. वस्त्र रुपहली किनारी से सुसज्जित होते हैं परन्तु किनारी बाहर दृश्य नहीं होती अर्थात भीतर की ओर मोड़ दी जाती है
    • ठाड़े वस्त्र श्वेत मलमल के धराये जाते हैं
  • श्रृंगार:
    • आज प्रभु को वनमाला का (चरणारविन्द तक) भारी श्रृंगार धराया जाता है
    • कंठहार, बाजूबंद, पौची, हस्त सांखला, कड़े, मुद्रिकाएं आदि सभी आभरण माणक एवं जड़ाव स्वर्ण के धराये जाते हैं
    • श्रीमस्तक पर केसरी की कुल्हे के ऊपर सिरपैंच, पांच मोरपंख की मोर-चंद्रिका की जोड़ एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं
    • श्रीकर्ण में मकराकृति कुंडल धराये जाते हैं
    • बायीं ओर उत्सव की मोती की चोटी (शिखा) भी धरायी जाती है
    • आज बाजूबंद व पोची माणक की धरायी जाती हैं
    • चैत्री गुलाबों एवं अन्य पुष्पों से निर्मित जाली वाला अत्यंत सुन्दर वन-चौखटा पीठिका के ऊपर धराया जाता है
    • श्रीजी को फूलघर की सेवा में आज गूंजा माला के साथ श्वेत, गुलाबी एवं पीले पुष्पों की रंग-बिरंगी फूल पत्तियों की कलात्मक थागवाली दो मालाजी धरायी जाती हैं
    • श्रीहस्त में कमलछड़ी, हीरा के वेणुजी एवं वेत्रजी धराये जाते हैं
    • प्रभु के श्री चरणों में नुपुर व बिच्छियाँ भी माणक एवं जड़ाव स्वर्ण के धराये जाते हैं
    • पट एवं गोटी जड़ाऊ की आती है
    • आरसी श्रृंगार में चार झाड़ की एवं राजभोग में सोना की दिखाई जाती है

श्रीजी की राग सेवा के तहत आज

  • मंगला: मूल पुरुष
  • राजभोग: दीजे हो ग्वाल नन्द बधाई
  • आरती: श्री लक्ष्मणवर ब्रह्मधाम
  • शयन: आंनद बधावनो
  • पोढवे: धन राधा रानी जसुमत गृह आवत गोपीजन
  • श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है जैसे कि- मंगला, राजभोग, आरती एवं शयन दर्शन में आरती उतारी जाती है
  • नित्य नियमानुसार मंगलभोग, ग्वालभोग, राजभोग, शयनभोग में विविध सामग्रियों का भोग आरोगाया जाता है
    ……………………..
    जय श्री कृष्ण

    ………………………
    https://www.youtube.com/c/DIVYASHANKHNAAD
    ……………………….
Tags: divyashankhnaadnathdwaranathdwara mandirnathdwara newsnathdwara templeparchargi shringarshreenathjishrinathjishrinathji mandirshrinathji nity darshanshringar
Previous Post

श्री द्वारिकाधीश मंदिर में धूमधाम से मना महाप्रभु जी का जन्मोत्सव

Next Post

545वें प्राकट्योत्सव के दर्शन श्रीनाथधाम-हवेली हेरो, लंदन, यूके

Next Post
545वें प्राकट्योत्सव के दर्शन श्रीनाथधाम-हवेली हेरो, लंदन, यूके

545वें प्राकट्योत्सव के दर्शन श्रीनाथधाम-हवेली हेरो, लंदन, यूके

Archives

  • May 2025
  • April 2025
  • November 2024
  • October 2024
  • September 2024
  • August 2024
  • July 2024
  • June 2024
  • May 2024
  • April 2024
  • March 2024
  • February 2024
  • January 2024
  • December 2023
  • November 2023
  • October 2023
  • September 2023
  • August 2023
  • July 2023
  • June 2023
  • May 2023
  • April 2023
  • March 2023
  • February 2023
  • January 2023
  • December 2022
  • November 2022
  • October 2022
  • September 2022
  • August 2022
  • July 2022
  • June 2022
  • May 2022
  • April 2022
  • March 2022
  • February 2022
  • January 2022
  • December 2021
  • November 2021
  • October 2021
  • September 2021
  • August 2021
  • July 2021
  • June 2021
  • May 2021
  • April 2021
  • March 2021
  • January 2021

Quick Links

  • Home
  • About us
  • E-paper
  • Contact us

Contact us

 +91-9426826796

 shankhnaad9999@gmail.com
  • Home
  • About us
  • E-paper
  • Contact us

© 2022 Divyashankhnaad All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • होम
  • श्रीनाथजी दर्शन
  • यूट्यूब चैनल
  • पुष्टि – सृष्टि
  • आम की कलम
  • नाथद्वारा
  • राजस्थान
  • देश-विदेश
  • फिचर

© 2022 Divyashankhnaad All Rights Reserved.

Messages us