राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया कि करीब 21000 स्क्वायर मीटर में बन रहे इस घाट की लागत लगभग 34 करोड़ रुपये है। जो लगभग आधा किलोमीटर लंबा है।
इसका पहला फेज बनकर तैयार हो गया है। इसके निर्माण में मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान दिया गया है। मां गंगा को प्रणाम करता हुआ तीन साइज का ये स्कल्पचर है। जिसमे बड़े स्कल्पचर की ऊंचाई करीब 25 फीट और छोटे की 15 फीट है। यह इंस्टालेशन लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। एक और करीब 75 फीट ऊंचा मैटल का नमस्ते करता हुआ स्कल्पचर घाट पर लगाने का प्रस्ताव है। इस घाट पर वोकल फॉर लोकल भी दिखेगा।
वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा ले सकेंगे सेहतमंद रहने के लिए सुबह मॉर्निंग वॉक, व्यायाम और योग कर सकेंगे, दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक रैंप बना है। इसके साथ ही यहां पर ओपेन थियेटर है, लाइब्रेरी, बनारसी खान पान के लिए फूड कोर्ट है, मल्टीपर्पज प्लेटफार्म होगा जहां हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है। यहां काशी विश्वनाथ धाम सुगम दर्शन का टिकट ले सकते हैं। जेटी से बोट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम जा सकेंगे। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी खिरकिया घाट पर बना है। इसके अलावा अन्य गाड़ियों के लिए भी यहां अलग से सीएनजी स्टेशन है।
खिरकिया घाट से क्रूज के जरिए पास के अन्य शहरों का भ्रमण भी कर सकते हैं। इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के मैनेजर दुर्गेश ने बताया कि गाबियन और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया गया है। जिससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। ये देखने में पुराने घाटों की तरह है। घाट पर ही वाहन की पार्किंग की व्यवस्था है।