बाल कल्याण समिति द्वारा अक्षय तृतीया पर बालिका गृह में दीप यज्ञ
राजसमन्द(दिव्य शंखनाद)। यह सदैव से चलित है कि आखा तीज सावो का सीजन है। आखा तीज मूल रूप से अक्षय तृतीया कहि जाती है, जो शुभ कार्यो के लिए अबूझ मुहर्त मानी जाती है।
किंतु इस दिवस को संस्कार व संस्कृति के लिए भी विशेष महत्ता है इसका लाभ बालको को मिले इस हेतु बाल कल्याण समिति राजसमन्द की आवश्यक बैठक की गई जिसमें अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादुर सिंह चारण हरजेंद्र सिंह चौधरी सीमा डागलिया रेखा गुर्जर उपस्थित रहे।
बैठक में बालिका गृह में दीप यज्ञ व संस्कृति संस्कार को विशेष कार्यक्रम का प्रस्ताव लिया गया। बालिका गृह में आवसरत बालिकाओं को गायत्री शक्तिपीठ राजसमन्द के मोहनलाल जी गुर्जर व हिमांशु पालीवाल के द्वारा अक्षय तृतीया पर आयोजित कार्यक्रम में वेद माता गायत्री के बारे में ज्ञान दिया गया, व विभिन्न प्रसंग व कहानी उदहारण के द्वारा सदैव सकारात्मक रहने, आलस्य त्याग ने, गायत्री की शक्ति व मंत्र के बारे में अवगत करवाया गया।
कार्यक्रम का दीप प्रज्वलन व अध्यक्ष कोमल पालिवाल व मोहनलाल गुर्जर के द्वारा किया गया। बालिकाओं के द्वारा एक दूसरे को मोली बांधी गई व स्टाफ सुमित्रा, दिव्या, गुंजन व गायत्री के द्वारा बालिकाओं के तिलक बिंदी की गई। बालिका गृह में आवसरत बालिकाओं व स्टाफ के द्वारा दीप यज्ञ किया गया व पूर्णाहुति दी गई तत्पश्चात शांति पाठ करवाया गया। गायत्री माता का पूजन बालिका गृह अधीक्षक सरोज उपाध्याय ने किया गया।
अध्यक्ष कोमल पालीवाल के द्वारा बताया गया कि योग मुद्रा से जोड़ा गया जिसके तहत बालिकायें योग सिख रही है व अक्षय तृतीया के दीप यज्ञ कराने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के ज्ञान व ध्यान को उच्च रहे। बाल कल्याण समिति के द्वारा गायत्री परिवार का विशेष आभार व्यक्त किया गया तथा बच्चों को भविष्य में गायत्री परिवार के द्वारा कुण्डीय यज्ञ के अनुष्ठान द्वारा जोड़े जाने का कहा गया ।