राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। राजस्थान सरकार के स्वायत शासन विभाग, जयपुर की अधिसूचना क्रमांक एफ/29/विविध/डी एल बी 2000/1394-1614 दिनांक: 18.05.2000 के तहत् प्रतिवर्ष सम्पूर्ण राजस्थान में वैशाख शुक्ला ग्यारस, इस वर्ष दिनांक अनुसार 12 मई 2022 गुरुवार को श्रमण संघीय आचार्य देवेन्द्र मुनि के पुण्यस्मृति दिवस के उपलक्ष्य में राज्य में अगता (अहिंसा-दिवस) रहेगा।
प्रतिवर्ष प्रदेश में अहिंसा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए पशुवध, मुर्गा-मीट, मांस-मछली क्रय-विक्रय की समस्त दुकाने और बूचड़खानों के संचालन पर पूर्णतया प्रतिबन्ध रहेगा। श्रमण डाक्टर पुष्पेंद्र ने मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षकों और स्वास्थ्य निरीक्षकों से आग्रह किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मांस/मछली की दुकानों पर नजर रखें। इस संबंध में मांस विक्रेताओं को भी अवगत कराएं की आदेश का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इसी क्रम में श्रमण डॉक्टर पुष्पेंद्र ने राज्य के कलेक्टरों व एसपी को भी पत्र प्रेषित कर सहयोग का आग्रह किया है। पत्र में आग्रह किया कि संबंधित क्षेत्र की पुलिस भी मांस की दुकानें बंद रखने के लिए मांस विक्रेताओं को पाबंद करें।
उल्लेखनीय है कि आचार्य देवेन्द्र मुनि सकल जैन समाज के प्रथम संत है जिनकी स्मृति में सरकार द्वारा यह आदेश पारित किया गया है। इस वर्ष आचार्य देवेन्द्र मुनि का 23 वां स्वर्गारोहण दिवस है। मूलत: उदयपुर शहर के वर्डिया कुल में जन्में आचार्य देवेन्द्र मुनि ने मात्र 9 वर्ष की अल्पायु में जैन भागवती दीक्षा अंगीकार कर 400 से अधिक पुस्तकों का लेखन-संपादन कर नव कीर्तिमान स्थापित किया। देश भर में सात दशकों तक पदयात्रा करके लाखों मनुष्यों को व्यसन मुक्त बनाया। देवेन्द्र मुनि ने श्रमण संघ के 1200 से अधिक साधु-साध्वी समुदाय के आचार्य बनकर उदयपुर का नाम रोशन किया था। ज्ञात रहें कि सन् 1999 को कालधर्म को प्राप्त हुए इस संत का स्मारक उदयपुर में ही ‘देवेन्द्र धाम’ के नाम से विश्रुत है।