राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। जेष्ठ अभिषेक स्नान यात्रा के उपलक्ष में पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारकाधीश मंदिर में मंगलवार को प्रभु श्री द्वारकाधीश को स्नान करवाया गया।
उक्त अवसर पर प्रातः मंगला दर्शन के पश्चात प्रभु श्री द्वारकाधीश को निज मंदिर मैं चौकी पर विराजित किया गया यहां सोमवार को भर कर लाए गए।
जल से प्रभु श्री को स्नान करवाया गया। इस जल में केसर मोगरा इत्र आदि डाला गया। स्नान के पश्चात प्रभु श्री द्वारकाधीश को आज श्रंगार में श्री मस्तक पर केसर की छाप की कुले जिस पर तीन चंद्रिका का जोड़ ,केसर की छाप की धोती, केसर के ऊपरना ,चंदनी ठाड़े वस्त्र मोती के आभरण, वनमाला धराई गई।
तत्पश्चात ग्वाल के दर्शनों में आज के विशेष भोग आम का भोग प्रभु को लगाया गया। गौरतलब है, कि आज के दिन पुष्टिमार्गीय मंदिरों में प्रभु श्री को स्नान करवाया जाता है और आम का विशेष भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि आज मौसम का सबसे गरम दिवस होता है तो प्रभु को शीतलता प्रदान करने के उद्देश्य से उक्त सेवा धराई जाती है। हर वर्ष इन दर्शनों को करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु द्वारकाधीश मंदिर पहुंचते है।