राजसमन्द(दिव्य शंखनाद)। अंनत भंडारी, जिला एवं सेशन न्यायाधीश, (अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद) ने 1 जुलाई 2002 को समय प्रातः 10:25 पर किशोर न्याय बोर्ड एवं राजकीय बाल संप्रेषण गृह का निरीक्षण कर किशोर गृह में अव्यवस्थाओं पर कड़ी नाराजगी जताते हुये संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) ने बताया श्री अंनत भंडारी, जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने किशोर न्याय बोर्ड का निरीक्षण कर लंबित प्रकरणों की प्रकृतिवार, आधारभुत सुविधा, कार्मिकों की उपलब्धता इत्यादि के सबंध में जानकारी ली।
तत्पश्चात् बाल संप्रेषण गृह में निरूद्ध बालकों से संवाद कर सुविधाओं की जानकारी ली एवं रसाईघर में भोजन के लिये रखी हुयी दाल, चावल, चपाती की गुणवता की जांच की। भंडारी ने किशोर गृह के कमरों का जायजा लिया तो वहां कमरे के अंदर ही प्लास्टिक के डिब्बो में मुत्र एकत्रित मिला जबकि पास ही बाथरूम बने हुये थे। बाल कल्याण समिति के निर्देशानुसार जिन बालकों को अस्थाई रूप से बाल गृह में रखा जाता है, उन्हें रात में कमरें में बंद करना और रात में पेशाब के लिये प्लास्टिक के डिब्बे उपलब्ध कराना पाया गया, जिसके लिये श्भंडारी ने बाल गृह के प्रशासन को कड़ी फटकार लगायी। इस सबंध में जिला कलेक्टर एवं बाल अधिकारिता विभाग को पृथक से सूचना प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये। वक्त निरीक्षण गृह में 18 बालक उपस्थित मिले। गृह में निवासरत सभी बालकों ने भोजन व अन्य सुविधाओं के प्रति संतुष्टि प्रकट की।