व्रज – वैशाख कृष्ण द्वितीया(प्रतिपदा क्षय)
बुधवार, 28 अप्रैल 2021
आज का श्रृंगार ऐच्छिक है.
ऐच्छिक श्रृंगार उन दिनों में धराया जाता है जिन दिनों के लिए श्रीजी की सेवा प्रणालिका में
कोई श्रृंगार निर्धारित नहीं होता है. इसकी प्रक्रिया के तहत प्रभु श्री गोवर्धनधरण की प्रेरणा
सर्वोपरि है जिसके तहत मौसम के अनुसार तत सुख की भावना से पूज्य तिलकायत श्री की
आज्ञा के अनुसार मुखियाजी के द्वारा श्रृंगार धराया जाता है.
श्रीजी दर्शन :
साज : श्रीजी में आज लाल पिली एकदानी चूंदड़ी की रुपहली ज़री की किनारी के हांशिया से
सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफ़ेद बिछावट की जाती
है. जडाऊ स्वर्ण के एक पडघा पर बंटाजी में बीड़ा व दुसरे पर झारीजी पधराई जाती है. सम्मुख
में धरती पर त्रष्टि धरी जाती हैं.
वस्त्र : आज प्रभु को लाल पिली एकदानी चूंदड़ी का सूथन, चोली एवं घेरदार वागा धराये जाते हैं.
सभी वस्त्र रुपहली ज़री की किनारी से सुसज्जित होते हैं. ठाड़े वस्त्र गुलाबी रंग के धराये जाते हैं.
श्रृंगार : आज श्रीजी को छोटा (कमर तक) का श्रृंगार धराया जाता है. कंठहार, बाजूबंद, पौची,
हस्त सांखला, कड़े, मुद्रिकाएं आदि सभी आभरण मोती के धराये जाते हैं.
श्रीमस्तक पर लाल रंग की चौफूली चूंदड़ी की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, गोल चंद्रिका एवं बायीं
ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में कर्णफूल धराये जाते हैं. श्रीकंठ में एक दुलड़ा एवं एक
सतलड़ा धराया जाता हैं.
श्रीजी को फूलघर की सेवा में आज गूंजा माला के साथ चैत्री गुलाब पुष्पों की रंग-बिरंगी फूल
पत्तियों की कलात्मक थागवाली दो मालाजी धरायी जाती हैं.
श्रीहस्त में पुष्पछड़ी, फ़ीरोज़ा के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं. प्रभु के श्री चरणों में
पैजनिया, नुपुर व बिच्छियाँ धराई जाती है.
पट लाल व गोटी चाँदी की आती है. आरसी नित्य की चांदी वाली दिखाई जाती है.
श्रीजी की राग सेवा के तहत आज
मंगला : पतित उधारना कली मल तारना
राजभोग : श्री लक्ष्मण गृह महा मंडल भयो
आरती : मेरे वल्लभ ही गुणगान
शयन : आनंद बधावनो नन्द महाराज के
मान : कर मनुहार आये मुरार
पोढवे : प्रेम के पर्यंक पोढ़े
कीर्तनों का प्रभु के सन्मुख गायन किया जाता है.
– श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है जैसे कि मंगला, राजभोग, आरती एवं
शयन दर्शन में आरती उतारी जाती है.
– नित्य नियमानुसार मंगलभोग, ग्वालभोग, राजभोग, शयनभोग में विविध सामग्रियों का भोग
आरोगाया जाता है.
……………………..
जय श्री कृष्ण
………………………
url youtube channel
https://www.youtube.com/c/DIVYASHANKHNAAD
……………………….