राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) नीलाभ सक्सेना ने बताया कि नए संशोधन के उपरान्त अब निर्वाचक नामावली में नाम जुड़वाने के लिए अर्हता एक जनवरी के स्थान पर वर्ष में 4 बार एक जनवरी, एक अप्रेल, एक जुलाई तथा एक अक्टूबर निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से मतदाताओं के पंजीकरण के लिए काम आने वाले मुख्य प्रपत्र 6, 7 एवं 8 में संशोधन किए गए है। संशोधित प्रपत्र-6 अब केवल नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए कर दिया गया है। तथा इसमें एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानान्तरण के लिए आवेदन के प्रावधान को हटाकर संशोधित प्रपत्र 8 में शामिल किया गया है।
अनाथ व्यक्ति के प्रकरणों में कानूनी अभिभावक का विवरण अब रिश्तेदारों के विवरण के अंतर्गत दिए जा सकने का संशोधन भी इस प्रपत्र में किया गया है। जन्म और निवास के प्रमाण के लिए दस्तावेज निर्धारित किए गए है ताकि प्रपत्रों का त्वरित निस्तारण हो सके।
प्रवासी मतदाता के पंजीकरण के लिए आयोग ने निर्धाकरत फार्म 6ए में कोई संशोधन नहीं किया है। चुनाव आयोग ने प्रपत्र 001में प्रतिस्थापन ईपिक जारी करने के लिए आवेदन को समाप्त कर प्रपत्र-8 में इसका प्रावधान किया गया है। प्रपत्र-7 में मतदाता सूची में नाम हटाने के लिए मृत्यु प्रमाण-पत्र संलग्न करने का प्रावधान किया गया है।