राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मनीष कुमार वैष्णव ने बताया कि माननीय अध्यक्ष महोदय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आलोक सुरालिया द्वारा जिला कारागृह निरीक्षण के दौरान कारागृह में क्षमता से लगभग चार गुना अधिक कुल 167 बंदी निरुद्ध मिले क्षमता से अधिक बंदी होने के कारण जिला न्यायाधीश ने चिन्ता व्यक्त की।
निरीक्षण के दौरान कारागृह में पेयजल की व्यवस्था के लिये वाटर कुलर लगा हुआ पाया गया। कारागृह में कपड़े व कम्बल की धुलाई सप्ताह में एक बार होना बताया। कारागृह में सीवरेज लाईन नहीं है परन्तु उनके चैम्बर बनाए गए हैं। जिला न्यायाधीश ने कारागृह की साफ-सफाई, बंदियों के स्वास्थ्य, चिकित्सा सुविधा, भोजन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यावरण, विधिक सहायता, शिकायतों, पेरोल, संप्रेषण, पुस्तकालय, शिक्षा, कपड़ों, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, सीसीटीवी कैमरा, स्वीकृत पदों इत्यादि विषयों पर जानकारी प्राप्त की।
बंदियों के मनोरंजन हेतु बैरक में टेलीविजन लगी हुई है तथा सुरक्षा के लिये लगाए गए सभी सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील अवस्था में हैं। जिला न्यायाधीश ने बंदियों से वार्ता कर उनसे भोजनए पानी एवं अन्य व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की बंदियों को विभिन्न कानूनों की जानकारी भी प्रदान की गई। कारागृह में उपलब्ध नवीन वीण्सी सेटअप को काम में लिया जा रहा है। नवीन प्रवेश करने वाले बंदियों से संवाद किया गया दो बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता का प्रार्थना पत्र भरवाया गया। बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायताए पीड़ित प्रतिकरए राष्ट्रीय लोक अदालत एवं नालसा योजनाओं के सबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।