उदयपुर (दिव्य शंखनाद)। म्युजियम एसोसिएशन ऑफ इण्डिया एवं महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में 2 दिवसीय ‘आल इण्डिया म्युजियम एन्युल कॉन्फ्रेंस-2022’ का शुभारंभ सिटी पेलेस, उदयपुर में दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
उद्घाटन सत्र में फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने भारत भर से कॉन्फ्रेंस में भाग लेने आए सदस्यों का स्वागत-अभिवादन किया तथा शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि साही प्रताप सही, प्रयागराज, म्युजियम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. पी.के. शर्मा, सेक्रेट्री डॉ. आनन्द वर्धन एवं फाउण्डेशन के भूपेन्द्र सिंह आउवा ने म्युजियम एसोसिएशन ऑफ इण्डिया की ओर से प्रकाशित ‘जनरल ऑफ इण्डियन म्युजियम्स’ का विमोचन किया। मुख्य अतिथि के हाथों म्युजियम एसोसिएशन ऑफ इण्डिया की ओर से कलकत्ता के सुप्रियो चटर्जी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रस्तुत किया गया। साथ ही मुख्य अतिथि ने म्युजियम एसोसिएशन का आभार व्यक्त करते हुए एसोसिएशन की ओर से किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
डॉ. आनन्द वर्धन ने प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था, कौटिल्य के सिद्धांतों के अनुरुप धर्म, कर्म एवं राजाओं की कर्तव्यों आदि पर सविस्तार विचार प्रस्तुत किये। उन्हीं राज्यों के सरस्वती भण्डार, चित्रालयों, इतिहास विभाग, परम्पराओं, संस्कृति आदि के संग्रहों एवं उनके संरक्षण-संवर्धन में म्युजियम की भूमिका पर सविस्तार प्रकाश डाला।
कॉन्फ्रेंस के अगले सत्र में डॉ. शालिनी अवस्थी, डॉ. सुनेना राठौड़, डॉ. दानीश मोहम्मद, रिद्धमा सेठ, आर.वी. रमना, कनिका मण्डल, डॉ. श्वेता वर्मा, डॉ. सुरेन्द्र कुमार, केके शर्मा, डॉ. ओमप्रकाश कुमार, समुरा कादीर, शौकत अहमद, भूजंग बोदबे, सनेलेगा विश्वकर्मा एवं डॉ. सौरभ पाल ने भारत के कई संग्रहालयों में संरक्षित एवं संग्रहित विभिन्न ऐतिहासिक संग्रहों के रख-रखाव, प्रदर्शन, ब्यौरें आदि के साथ ही म्युजियम की बनावट एवं आकर्षण आदि पर पत्र वाचन किया।
इस अवसर पर उदयपुर मेवाड़ में आए हुए मेहमान सदस्यों के लिए फाउण्डेशन की ओर से मेवाड़ के विख्यात इतिहासकार डॉ. गिरिश नाथ माथुर एवं सुखाड़िया विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की प्रो. प्रतिभा को मेवाड़ एवं महाराणा प्रताप के कालखंड पर संक्षिप्त प्रकाश डालने हेतु आमंत्रित किया गया। डॉ. माथुर ने मेवाड़ की चारों राजधानियों के साथ महाराणा प्रताप के शस्त्रों, युद्ध नीतियों, स्वतंत्रता प्रेम के संदेश, जन-जन का सहयोग आदि ऐतिहासिक जानकारियों पर अपने विचार प्रस्तुत किये। प्रो. प्रतिभा ने मेवाड़ की 16वीं सदी के सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहलू पर अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ. विवेक भटनागर ने ’भारत का पहला संग्रहालय – एकलिंगजी मंदिर’ पर ऐतिहासिक जानकारी प्रस्तुत की। डॉ. वंदना सिंह ने उदयपुर के सिटी पेलेस म्युजियम में संग्रहित महाराणाओं के अस्त्र-शस्त्रों के शानदार संरक्षण पर जानकारी प्रस्तुत की, इसी तरह श्रुति प्रताप साही ने महारानियों की रसोई एवं उनकी संरक्षित पाक विद्या पर ऐतिहासिक जानकारियां प्रस्तुत की। प्रथम सत्र के अंत में समस्त सदस्यों को सिटी पेलेस म्युजियम, उदयपुर का भ्रमण करवा म्युजियम के संग्रह एवं उनके रख-रखाव आदि की जानकारी से रू-ब-रू करवाया गया।