राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारिकाधीश मंदिर में हिंडोरना महोत्सव के तहत आयोजित हो रहे मनोरथ के क्रम में शनिवार को तृतीय पीठाधीश्वर गोस्वामी बृजेश कुमार महाराज की आज्ञा से प्रभु श्री द्वारकाधीश को पान के हिंडौरने में विराजित किया गया।
इससे पूर्व श्रृंगार में प्रभु श्री द्वारकाधीश को श्री मस्तक पर केसरी टिपारा जिस पर काम की चंद्रिका और केसरी, केसरी दोई काछनी, वेसो अंतर्वास का पटका, वेसि सुथन मैंघश्याम ढाड़े वस्त्र व हीरा पन्ना के आभरण धराय गए।
तत्पश्चात बड़ौदा से आए तंबोली परिवार द्वारा प्रभु द्वारकाधीश के पान का हिंडोरना सिद्ध किया गया इसके लिए तंबोली परिवार के 25 सदस्यों का एक समूह सोमवार सुबह प्रभु द्वारकाधीश के मंदिर पहुंचा और हिंडोरना सिद्ध करने की सेवा आरंभ की पान के हिंडोरने के लिए प्रभु द्वारकाधीश के रजत हिंडोरने पर पान के पत्तों को सुसज्जित किया गया। गौरतलब है कि प्रतिवर्ष बड़ौदा के तंबोली परिवार द्वारा पान का विशेष हिंडोरना सिद्ध किया जाता है। यह परिवार श्रीनाथजी में हिंडोरना सिद्ध करता है पान के हिंडोरने के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु द्वारकाधीश मंदिर पहुंचे।