राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा के मंगलवार को जारी दिशा निर्देशों के क्रम में जिला कलक्टर निलाभ सक्सेना ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में मवेशियों में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति एवं रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि जिले में गौवंशीय पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज को लेकर राज्य सरकार सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
सक्सेना ने बताया कि इस समय संकट के दौर से गुजर रहे गोवंश की रक्षा के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी व पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया द्वारा मंगलवार को ली गई बैठक के दौरान विभिन्न विभागों में आपसी तालमेल के अभाव को लेकर आपसी सामंजस्य स्थापित कर रोग नियंत्रण में अहम भूमिका निभाने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने बताया कि पशुपालन, कृषि विभाग, स्थानीय निकाय तथा ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत कार्मिकों को शामिल कर पशु रोग नियंत्रण में आमजन के सहयोग व गौशालाओं में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के साथ-साथ, टीकाकरण, उपचार साफ-सफाई मृत पशुओं के निस्तारण के बारे में जानकारी उपलब्ध कराए जाने की दृष्टि से जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर पशु मित्र दल गठित किये गये है।
उन्होंने बताया कि इस समिति में पशुधन सहायक, कृषि पर्यवेक्षक, ग्राम विकास अधिकारी के साथ-साथ स्थानीय स्तर से स्वैच्छिक कार्यकर्ता (वॉलिंटियर्स) को शामिल कर पशु मित्र समिति का गठन किया गया है। पशु आवास/बाड़े अथवा गौशालाओं में सोडियम हाइपोक्लोराइट कीटाणु नाशक दवा का छिड़काव तथा कीटनाशक साइपरमैथ्रीन डेल्टामेथ्रीन आदि के छिड़काव के लिए कृषि विभाग को पाबंद किया गया है।
बीमार पशुओं के उपचार के लिए स्थानीय पशुधन सहायक नजदीकी पशु चिकित्सालय और नोडल अधिकारी को पाबंद करते हुए पशुओं की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं इसके अलावा रोगी पशु को अलग करने के लिए आइसोलेशन सेंटर एवं मृत पशुओं का निस्तारण किए जाने के लिए ग्राम पंचायत एवं स्थानीय निकाय विभाग के साथ-साथ नगर पालिका और नगर परिषद को पाबंद किया गया है। जिला कलेक्टर ने बताया की जिले की समस्त 214 ग्राम पंचायतों पर पशु मित्रों के गठन से संबंधित विभागों में आपसी सामंजस्य के साथ-साथ समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर 05 (दो राजकीय व तीन वॉलिंटियर्स) नगरपालिका स्तर पर 10 तथा नगर परिषद स्तर पर 20 सदस्यीय पशु मित्र गौ सेवा के लिए तैयार कर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जिला कलक्टर ने बताया कि गौवंशीय पशुओं में फैल रहे लम्पी रोग के नियंत्रण एवं प्रभावी रोकथाम के लिए खण्ड स्तरीय समिति के माध्यम से आवष्यक दवाईयों व उपचार व्यवस्था, गौशालाओं व आइसोलेशन सेन्टर की नियमित साफ-सफाई, रोगी पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना, कीटाणु एवं कीटनाषक दवाईयों का छिड़काव, मृत पशुओं का निस्तारण तथा आमजन को जागरूक किये जाने की दृष्टि से व्यापक प्रचार-प्रसार आदि गतिविधियां सुनिश्चित की जायेंगी।
उन्होंने बताया कि नाथद्वारा स्थित कांजी हाऊस को गौशाला समकक्ष मानते हुए सभी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जिला कलेक्टर ने बताया कि पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग राजसमंद डॉ. अजय अरोड़ा द्वारा कांजी हाउस पहुंच स्थिति का जायजा लिया गया। डॉ. अरोड़ा ने पषुओं की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के लिए विभागीय प्रतिनिधी को दैनिक रूप से भ्रमण कर रिपोर्ट भिजवाएं जाने के निर्देश दिए।