राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। काव्य काव्य के माध्यम से समाज में जागरूकता व समाज की बुराइयों को दूर करने का संदेश देने के लिए उल्लेखनीय कार्य करने हेतु राजसमंद के पाँच कवियों को अपना ट्रस्ट के द्वारा सम्मानित किया गया।
इस समारोह में मुख्य अतिथि सर्किल इन्सपेक्टर, राजनगर हनुमंत सिंह राजपुरोहित ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के साथ पेडों की पत्तियों, छाल, बीज, फूल से होने वाले फायदों के बारे मे बताया व प्लास्टिक का उपयोग बन्द करने की बात कही। विशिष्ट अतिथि डॉ. आनन्द श्रीवास्तव, चतुर कोठारी व डॉ. विरेन्द्र महात्मा थे। अपना ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष सी दिनेश चंद्र सनाढ्य ने प्रशस्त्ति पत्र व हनुमंत सिंह राजपुरोहित व रविनन्दन चारण ने ईकलाई ओढा कर राम गोपाल आचार्य, वीणा वैष्णव, कुसुम अग्रवाल, चंद्रशेखर आजाद, बख्तावर सिंह चुंडावत का सम्मान किया।
इस अवसर पर काव्य गोष्ठी चारभुजा जी मन्दिर, मण्डा, राजनगर के प्रांगण मे आयोजित किया गया। रोशन लाल गर्ग के द्वारा श्रीगणेश वन्दना से शुरुआत की गई। मोहन जी गुर्जर ने जल की महिमा व वीणा वैष्णव रागिनी ने दिल तक पहुंचे बात मेरी व ज्योत्स्ना पोखरना ने स्वप्न संसार है रहना दिन चार व शोभा गोस्वामी ने ए जिंदगी चल कहीं बैठ उल्फत ए गम सुनाते हैं व चतुर जी कोठारी ने जनजागृति पर कविता व वीरेंद्र जी महात्मा ने दर्द बांटते चलो व कमलेश जी ने चारभुजा नाथ पर भजन व बख्तावर सिंह जी ने यो मोबाइल का गीत गाया। डाक्टर आनंद श्रीवास्तव साहब ने इब्तिदा-ए-इश्क में हम व कुसुम जी अग्रवाल ने फटेहाल ये ज़िंदगी तुम मख़मली पैबंद हो सुनाकर काव्य गोष्ठी को आगे बढाया।
नारायण सिंह जी राव ने बडे लोग वाकई बड़े व लेखराज मीणा ने टूट गया एक तारा चांद के करीब से गाकर काव्य गोष्ठी को गोष्ठी को ऊँचाइयों तक पहुँचाया। इस अवसर पर मनीष नन्दवाना, कैलाश वैष्णव, पीरदान जी चारण आदि उपस्थित थे । संचालन पूरण शर्मा ने किया।