राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमंद द्वारा जिला कारागृह का 18 अक्टूबर 2022 को 12:05 पर औचक निरीक्षण कर भोजन, सफाई इत्यादि की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया एवं बंदियों को व्यवसायउन्मूखी प्रशिक्षण के लिये दिये निर्देश।
वैष्णव ने नवीन प्रवेशित बंदियों से संवाद किया गया। वक्त निरीक्षण कारागृह में 195 बंदी निरूद्ध मिलें जो कारागृह की बंदी क्षमता से तीन गुने से अधिक है। श्री वैष्णव ने कारागृह की बैरकों एवं रसोई घर की सफाई व्यवस्था की जांच की। वैष्णव ने कारागृह प्रभारी को व्यवसायउन्मूखी प्रशिक्षण के लिये एन.जी.ओ. के साथ समन्वय कर प्रशिक्षण शिविर लगवाने के निर्देश दिये ताकि बंदियों का कौशल विकास हो सके। नवीन प्रवेशित बंदियों से संवाद किया एवं उनकी समस्याओं को सुना गया तथा 1 बंदी के प्रकरण में अधिवक्ता नियुक्त नहीं होने पर उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता का आवेदन करवाया गया।
उल्लेखनीय है कि कारागृह में बंदियों को विधिक सलाह एवं सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से विधिक सहायता क्लिनिक संचालित है। एक बंदी के मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं होना बताया गया। इस सबंध में चिकित्सक से रिपोर्ट प्राप्त कर आवश्यक जांच व इलाज हेतु उच्च सेंटर भिजवाने के निर्देश प्रदान किये। कारागृह में कोई भी 18 वर्ष से कम उम्र का तथा महिला बंदी निरूद्ध नहीं मिला। वैष्णव ने बंदियों के बुस्टर डोज लगवाने एवं कोविड-19 की गाइडलाईन की कठोरता से पालना करने के निर्देश पालना करने के निर्देश दिये। उन्हे वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण हेतु योजना यथा वृद्धजन पेंशन योजना, माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण के अधिकार, निःशुल्क विधिक सहायता, नालसा लीगल सर्विस ऐप, निःशुल्क विधिक सहायता, मध्यस्थता, पीड़ित प्रतिकर, लोक अदालत, साईबर सुरक्षा, आदिवासियों के कल्याण एवं संरक्षण की योजनाआ, माननीय रालसा द्वारा छुआछुत के खिलाफ विशेष अभियान के बारे में जानकारी दी गयी। वक्त निरीक्षण चिकित्सक श्री दीपक शर्मा उपाधीक्षक श्री राजूराम विश्नोई एवं अन्य कार्मिक उपस्थित मिलें।