व्रज – पौष कृष्ण द्वितीया (द्वितीय), सोमवार, 09 जनवरी 2023
ऐच्छिक श्रृंगार: आज का श्रृंगार ऐच्छिक है. ऐच्छिक श्रृंगार उन दिनों में धराया जाता है जिन दिनों के लिए श्रीजी की सेवा प्रणालिका में कोई श्रृंगार निर्धारित नहीं होता है. इसकी प्रक्रिया के तहत प्रभु श्री गोवर्धनधरण की प्रेरणा सर्वोपरि है जिसके तहत मौसम के अनुसार तत सुख की भावना से पूज्य तिलकायत श्री की आज्ञा के अनुसार मुखियाजी के द्वारा श्रृंगार धराया जाता है.
श्रीजी दर्शन:
- साज
- श्रीजी में आज हरे रंग की साटन की पिछवाई धरायी जाती है और गद्दल का चौखटा बांध के धराया जाता हैं.
- गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है.
- चरणचौकी के साथ पडघा, बंटा आदि भी जड़ाऊ स्वर्ण के होते हैं.
- पान घर की सेवा में बंटाजी में ताम्बुल बीड़ा पधराये जाते है.
- सम्मुख में धरती पर त्रष्टि व अंगीठी धरी जाती हैं.
- वस्त्र
- श्रीजी को आज हरे रंग की साटन का सूथन, चोली, घेरदार वागा तथा मोजाजी धराये जाते हैं.
- घेरदार वागा, लाल किनारी से सुसज्जित होते हैं.
- मोजाजी भी लाल फून्दों से सुसज्जित होते हैं.
- ठाड़े वस्त्र अमरसी रंग के धराये जाते हैं.
- श्रृंगार
- श्रीजी को आज छोटा (कमर तक) चार माला का हल्का श्रृंगार धराया जाता है.
- कंठहार, बाजूबंद, पौची, हस्त सांखला आदि सभी आभरण गुलाबी मीना के धराये जाते हैं.
- श्रीमस्तक पर हरे रंग की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, जमाव का कतरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.
- श्रीकर्ण में कर्णफूल धराये जाते हैं.
- श्रीजी को फूलघर की सेवा में आज गूंजा माला के साथ श्वेत एवं गुलाबी पुष्पों की रंग-बिरंगी फूल पत्तियों की कलात्मक थागवाली दो मालाजी धरायी जाती हैं.
- श्रीहस्त में गुलाबी मीना के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं.
- प्रभु के श्री चरणों में पैजनिया, नुपुर आदि धराये जाते है.
- खेल के साज में पट हरा एवं गोटी चाँदी की धरायी जाती हैं.
- आरसी नित्य की चांदी वाली दिखाई जाती है.
- श्रीजी की राग सेवा:
- मंगला : पायन परत मुरार
- राजभोग : ठाडो री खिरक माई कौन को
- आरती : कदम्ब चढ़ कान्ह बुलावत गैया
- शयन : डगर चल गोवर्धन की
- मान : चढ़ बढ़ बिडर गई री आली
- पोढवे : श्यारंग महल सुखदाई
- श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है जैसे कि मंगला, राजभोग, आरती एवं शयन दर्शन में आरती उतारी जाती है.
- नित्य नियमानुसार मंगलभोग, ग्वालभोग, राजभोग, शयनभोग में विविध सामग्रियों का भोग आरोगाया जाता है.
………………………
जय श्री कृष्ण
………………………
https://www.youtube.com/c/DIVYASHANKHNAAD
………………………