सम्मान कि श्रृंखला में महानुभावों को ब्रजभाषा विभूषण, मीरामान सिंह स्मृति सम्मान , हिंदी साहित्य मनीषी व हिंदी काव्य मनीषी, आदि की उपाधि से सम्मानित किया गया।
नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद)। त्रिदिवसीय ब्रजभाषा पाटोत्सव के आयोजन पर सम्मान के क्रम में ‘ब्रजभाषा विभूषण’, ‘राजमाता मीरामान सिंह स्मृति सम्मान’, श्री गणेश वल्लभ राठी स्मृति सम्मान’, की मानद उपाधि से अलंकृत, ‘हिंदी साहित्य मनीषी व हिंदी काव्य मनीषी की उपाधि’, ‘हरिप्रसाद शर्मा स्मृति सम्मान’, ‘श्री रविन्द्र गुर्जर (अप्पू) स्मृति सम्मान’, ‘जयपुर को ब्रज-कांत-साहित्य सम्मान’, ‘श्री रामशरण पीतलिया स्मृति सम्मान’, ‘राव महेन्द्रमान सिंह स्मृति सम्मान’, ‘पूरणलाल शर्मा स्मृति सम्मान’, ‘श्रीमती शशिकला मेहता स्मृति सम्मान’, से सम्मानित किया।
इस अवसर पर साहित्यकारों के साथ-साथ पूरा देवपुरा व अजमेरा परिवार भी उपस्थित था। सभी साहित्यकारों की तरफ से श्री विट्ठल पारीक व डॉ.संतोष यादव द्वारा श्री श्यामप्रकाश देवपुरा अर्धांगिनी श्रीमती ललिता देवपुरा का शॉल, साड़ी, चुनरी, उत्तरीय, कंठहार, गोविंद देव जी की छवि व अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
विशिष्ट अतिथि श्री श्रीकृष्ण शरद ने साहित्य मण्डल परिवार और आयोजन से जुड़े सभी साहित्यकारों के सुंदर आयोजन की बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी। मुख्य अतिथि डॉ चंद्रभाल सुकुमार ने कहा कि श्रद्धेय भगवती प्रसाद देवपुरा की कीर्ति ज्योति जिस तरह जागृत है। यह दीप शिखा सदैव प्रदीप्त रहे, पूरे देश में इस कीर्ति की ज्योति पहुँचे। अध्यक्ष श्री विजय सिंह नाहटा ने अपने उद्द्बोधन में सम्मानित साहित्यकारों को उनके श्रम व मेधा के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। श्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने बहुत सुंदर व सधा हुआ संचालन किया।
तृतीय दिवस के अंतिम सत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
रामावतार शर्मा ने कोरोना काल की त्रासदी की मार्मिक कविता सुनाई। मनोज फगवाड़ी ने ग़ज़ल सुनाई। गिरीश जोशी, सत्यप्रकाश शर्मा सोटानन्द, नरेंद्र निर्मल, सुरेश भाटी, ओम उज्ज्वल, नारायण सिंह भदौरिया नवल, नूतन अग्रवाल नूतन ज्योति, हरिओम तरंग, सुरेश चतुर्वेदी, गिरिराज खंडेलवाल, यशपाल शर्मा यशस्वी, भँवर प्रेम, शिवरतन मोहता, डॉ नीतू गोस्वामी, रेखा लोढ़ा ‘स्मित’ ने भी काव्यपाठ किया। कवि सम्मेलन का संचालन हरि ओम हरि ने किया। कार्यक्रम के अंत में सम्पूर्ण प्रेक्षागार द्वारा हरिलाल मिलन द्वारा लिखित राष्ट्रभाषा गान गाया गया।