राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और बढ़ते प्रदूषण के दौर में हाइड्रोजन कार को भविष्य के विकल्प के रूप में तलाशा जा रहा है।
हाल ही में गडकरी ने पहली हाईड्रोजन कार को चलाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।
टोयोटा ने कुछ दिन पहले देश की पहली ऑल-हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक कार को इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (ICAT) के साथ ब्रांड के पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था।
मिराई दुनिया के कुछ एफसीईवी में से एक है और विशुद्ध रूप से हाइड्रोजन से उत्पन्न बिजली पर चलती है।
नितिन गडकरी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी भारत के लिए स्वच्छ और किफायती ऊर्जा भविष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
क्या खासियत है हाईड्रोजन कार की?
मिराई में हाई प्रेशर हाईड्रोजन फ्यूल टैंक और एक इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल किया गया है। इसका इंजन हाइड्रोजन को पानी और ऑक्सीजन में तोड़ता है और इससे ऊर्जा उत्पन्न होती है। आम कारों से उलट हाइड्रोजन से चलने वाली कार अपने टेलपाइप से पानी बाहर निकालती है। ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध बायोमास से उत्पन्न किया जा सकता है।
कार की दूसरी जनरेशन का निर्माण कर्नाटक में टोयोटा के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में किया जाएगा। कार को मूल रूप से पिछले साल वैश्विक स्तर पर पेश किया गया था। यह हाइड्रोजन से एक बार टैंक फुल करने पर 646 किमी की रेंज देती है और ईंधन भरने में लगभग 5 मिनट का समय लगता है। यह पायलट प्रोजेक्ट देश में ग्रीन और स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयास के हिस्से के रूप में शुरू किया गया है।