व्रज – ज्येष्ठ कृष्ण षष्ठी, शनिवार, 21 May 2022
आज का श्रृंगार ऐच्छिक है
- ऐच्छिक श्रृंगार उन दिनों में धराया जाता है जिन दिनों के लिए श्रीजी की सेवा प्रणालिका में कोई श्रृंगार निर्धारित नहीं होता है
- इसकी प्रक्रिया के तहत प्रभु श्री गोवर्धनधरण की प्रेरणा सर्वोपरि है
- जिसके तहत मौसम के अनुसार तत सुख की भावना से पूज्य तिलकायत श्री की आज्ञा के अनुसार मुखियाजी के द्वारा श्रृंगार धराया जाता है
- ऐच्छिक वस्त्र, श्रृंगार के रूप में आज श्रीजी को चंदनी मलमल का पिछोड़ा एवं श्रीमस्तक पर गोल पाग पर क़तरा का श्रृंगार धराया जायेगा
श्रीनाथजी दर्शन:
- साज:
- आज श्रीजी में चंदनी मलमल की पिछवाई धरायी जाती है
- गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफ़ेद बिछावट की गयी है
- वस्त्र:
- आज श्रीजी को चंदनी रंग की मलमल का पिछोड़ा धराया जाता है
- पिछोड़ा रुपहली तुईलैस की किनारी से सुसज्जित होता है परन्तु किनारी बाहर आंशिक ही दृश्य होती है अर्थात भीतर की ओर मोड़ दी जाती है
- श्रृंगार:
- आज श्रीजी को छोटा (कमर तक) ऊष्णकालीन हल्का श्रृंगार धराया जाता है
- मोती के सर्व आभरण धराये जाते हैं
- श्रीमस्तक पर चंदनी गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, क़तरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं
- श्रीकर्ण में एक जोड़ी मोती के कर्णफूल धराये जाते हैं
- श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं एवं इसी प्रकार की एक व एक कमल माला हमेल की भांति धरायी जाती हैं
- श्रीहस्त में तीन कमल की कमलछड़ी, गंगा जमुनी के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं
- पट ऊष्णकाल का एवं गोटी हक़ीक की आते हैं