राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारकाधीश मंदिर में मंगलवार को तृतीय पीठ के 11 तिलकायक गोस्वामी श्री बालकृष्ण लाल जी महाराज श्री का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
आज के दिन को तृतीय पीठ में दोहरे मनोरथ के रूप में मनाया जाता है। इस मनोरथ में प्रभु द्वारकाधीश को हर चीज दोहरी आती है जैसे दोहरा श्रृंगार प्रभु को धराया जाता है। प्रभु द्वारकाधीश के दोहोरी आरती होती है प्रभु दोहरा भोग अरोगते हैं वही सावन होने से प्रभु के सम्मुख स्वर्ण व रजत दोनों ही हिंडोला सजाये जाते है। जिसमें स्वर्ण हिंडोलने में प्रभु द्वारकाधीश को विराजित किया गया, आज के इस विशेष उत्सव पर तृतीय पीठ की ओर से नाथद्वारा श्रीनाथजी को श्रृंगार धराया जाता है।
जिसमें श्रृंगार के संपूर्ण वस्त्र द्वारकाधीश मंदिर से सिद्ध हो कर जाते हैं उक्त अवसर पर आज श्रृंगार मे तृतीय पीठाधीश्वर गोस्वामी बृजेश कुमार महाराज की आज्ञा से प्रभु श्री द्वारकाधीश को श्री मस्तक पर गुलेनार दुमाला, जिस पर हीरा का सेहरा, गुलेनार बड़ा पिछोड़ा, वैसा अंतर्वास का पटका, हीरा पन्ना, मानक के आभरण, 2 जोड़ी का श्रृंगार व हरे ठाड़े वस्त्र द्वारकाधीश को अंगीकार करवा, गए उक्त अवसर पर दोहरा मनोरथ होने के कारण आज कीर्तन कार द्वारा दोहरे कीर्तन का गान किया गया। बुधवार को प्रभु श्री द्वारकाधीश मंदिर में पीली घटा के दर्शन होंगे।