राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा प्रदत एक्शन प्लान के अनुसार आदिवासियों के संरक्षण एवं छुआछुत के विरूद्ध वर्षभर अभियान संचालित किया जा रहा है। उक्त निर्देशों की पालना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनीष कुमार वैष्णव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) राजसमंद ने आज 2 सितम्बर 2022 को दोपहर 2 बजे बालिका आदिवासी छात्रावास सेमा, खमनौर का निरीक्षण किया गया।
वक्त निरीक्षण छात्रावास की सफाई व्यवस्था, भोजन व्यवस्था संतोषजनक पाई गई। छात्रावास में दैनिक दिनचर्या, डाईट चार्ट लगा हुआ है छात्रावास में सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र, आपातकालीन नंबर का चार्ट उपलब्ध नहीं है।
राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक स्कूलों में सैनेटरी पेड उपलब्ध करवाये जा रहे हैं, परन्तु छात्रावास में इनकी अनुपलब्धता पाई गई। श्री वैष्णव ने स्टॉक, विद्युत सुविधा, पेयजल सुविधा, शिक्षा व्यवस्था, शिकायत पेटी इत्यादि की गहनता से जाचं की। छात्रावास में निवासरत बालिकाओं से संवाद करने पर बालिकाओं ने बताया कि छात्रावास में टीवी चालू अवस्था में नहीं है तथा खेलकूद सामग्री भी उपलब्ध नहीं है तथा उपलब्ध कैरम बोर्ड एवं टेबल टेनिस टेबल क्षतिग्रस्त पाया गया। इस संबंध में छात्रावास के प्रभारी से वार्तालाप करने पर उन्होंने बजट का अभाव होना बताया।
इस संबंध में श्री वैष्णव ने संबंधित को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। छात्रावास में जागरुकता शिविर का आयोजन कर बालिकाओं को आदिवासियों के अधिकारों, छुआछूत, बाल विवाह जैसी विभिन्न कुरीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की तथा पॉक्सो एक्ट, किशोर न्याय बोर्ड अधिनियम 2015 व साईबर क्राईम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से वर्तमान में आए दिन अनेक धोखाधड़ी के समाचार, समाचार पत्रों में प्रकाशित होते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति द्वारा पीड़ित के साथ दोस्त बनकर बैंक से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त कर वन टाईम पासवर्ड का उपयोग कर खाते से रुपयों की जाकर धोखाधड़ी की जाती है इस संबंध में किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना पासवर्ड न दें तथा जिसमें अल्फावेट, गणितीय संख्या, सिम्बल इत्यादि का सम्मिलित करते हुये जटिल पासवर्ड उपयोग में लेवें साथ ही बालिकाओं को सोशियल साइट्स का उपयोग बहुत ही सावधानी पूर्वक करने एवं किसी भी प्रकार की निजी जानकारियां एवं फोटोग्रा्फस शेयर ना करें।
उन्होंने बालिकाओं को पोक्सो एक्ट के बारे में जानकारी देते हुये गुड टच बेड टच के बारे में बताया उन्होंने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति उनके साथ अश्लील हरकते या भद्दी टिप्पणीयां या उनका पीछा करे तो उसकी जानकारी हॉस्टल प्रभारी या चाईल्ड लाईन नम्बर 1098 या पुलिस नम्बर 100 पर जरूर करे ऐसी हरकतों को नजरअंदाज नहीं करें। उन्होंने बताया कि बालकों के लिये विशेष न्यायालय की व्यवस्था है जिसे पोक्सा कोर्ट कहते जहां यौन अपराध से पीड़ित बालकों के प्रकरणों की सुनवाई होती है उनके साथ बाल मैत्रीपूर्ण व्यवहार किया जाता है।