हिन्दी दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय आयोजन 14 सितम्बर से
नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद)। हिन्दी दिवस 14 सितम्बर पर पुष्टिमार्गीय प्रधानपीठ श्रीनाथद्वारा के साहित्य मण्डल की ओर से चार हस्ताक्षरों को साहित्य वाग्विभूति की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। इनके साथ ही हिन्दी भाषा के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले लेखकए कविए पत्रकारए समाजसेवक आदि को भी विभिन्न सम्मान से सुभूषित किया जाएगा।
साहित्य मण्डल के प्रधानमंत्री श्यामप्रकाश देवपुरा ने बताया कि इस वर्ष 14 से 16 सितम्बर तक होने जा रहे तीन दिवसीय आयोजन में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वाधीनता संग्राम में हिन्दी की शौर्यपूर्ण काव्य रचनाओं से सेनानियों में ऊर्जा का संचार करने वाले हस्ताक्षरों की स्मृति में हिन्दी को सशक्त बनाने का संकल्प भी लिया जाएगा। देवपुरा ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम में प्रधान भूमिका निभाने वाली हिन्दी भाषा आज अंग्रेजीयत के सामने अपनी सम्प्रभुता पर निरंतर चोट खाये जा रही है। उन्होंने कहा कि आज हिन्दी के इन हालातों को देखकर भारतेन्दुजी की कविता “रोबहु सब मिलकर के भारत भाई, हा हा भारत दुर्दशा न देखी जाई’’ प्रासंगिक हो रही है। सत्य यही है कि कवि भारतेन्दुजी ने हिन्दी की दुर्दशा उस अंग्रेजीयत के दौर में देखी थी उससे भी अधिक बुरी स्थिति आज स्वतंत्र भारत में आजादी के अमृत महोत्सव के समय में भी दिखाई दे रही है।
देवपुरा ने बताया कि अपनी स्थापना से ही हिन्दी साहित्य को सशक्त करने में प्रयासरत साहित्य मण्डल प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस पर तीन दिवसीय आयोजन करता है और हिन्दी भाषा में विभिन्न माध्यमों से योगदान देने वाले हस्ताक्षरों को सम्मानित कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता है। आयोजन में हिन्दी के विकास और चुनौतियों पर भी प्रतिवर्ष मंथन किया जाता है।
इस वर्ष साहित्य मण्डल की ओर से अहमदाबाद के पद्मश्री विष्णु पण्ड्याए राजकोट के डॉ. बलवंत शांतिलाल जानीए दिल्ली के प्रोण् सुरेश ऋतुपर्ण तथा अमलनेर के डॉ. सुरेश माहेश्वरी को साहित्य वाग्विभूति की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। इसी तरहए डॉण् दाऊदयाल गुप्ता स्मृति सम्मान, गीत सुधाकर रत्न, जगन्नाथ प्रसाद शर्मा स्मृति सम्मान, हिन्दी भाषा प्रवर, श्रीचंद योगी स्मृति सम्मान, कत्थक नृत्य प्रभा, मनोहर कोठारी स्मृति सम्मान, हिन्दी साहित्य शिरोमणि, हिन्दी भाषा विभूषण, सम्पादक रत्न, समाजसेवा, पत्रकार प्रवर, हिन्दी काव्य विभूषण, हिन्दी काव्य भूषणए हिन्दी भाषा भूषण, मोतीलाल राठी स्मृति सम्मान, हिन्दी भाषा शिरोमणि, डॉ. तारादत्त निर्विरोध स्मृति सम्मान, गोपाल प्रसाद मुद्गल स्मृति सम्मान, रामरघुनाथ शर्मा स्मृति सम्मान, नीलकंठ अग्रवाल स्मृति सम्मान, चंचलादेवी स्मृति सम्मानए तारा पाठक स्मृति सम्मान, रामकुंवर देवी स्मृति सम्मान, केसरदेवी जानी स्मृति सम्मान, हिन्दी काव्य शिरोमणि, हिन्दी साहित्य विभूषण, हिन्दी साहित्य भूषण आदि अलंकरण प्रदान किए जाएंगे।
आयोजन के पहले दिन हिन्दी आंदोलन एवं साहित्य मण्डल, हिन्दी कल-आज-कल, अमृत महोत्सव-राष्ट्रभाषा संकल्प विषयों पर व्याख्यान होगा। दूसरे दिन राजस्थानी लोक नृत्यों की प्रस्तुति सहित विभिन्न विषयों पर व्याख्यान होंगे। अंतिम दिन हिन्दी साहित्य में विकलांग विमर्श विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। पहले दिन कत्थकए दूसरे दिन राजस्थानी लोक नृत्यों की प्रस्तुतियों सहित तीनों दिन रात्रिकालीन सत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा।