व्रज – आश्विन कृष्ण चतुर्दशी, शनिवार, 24 सितम्बर 2022
आज ऐच्छिक श्रृंगार है: ऐच्छिक श्रृंगार उन दिनों में धराया जाता है जिन दिनों के लिए श्रीजी की सेवा प्रणालिका में कोई श्रृंगार निर्धारित नहीं होता है. इसकी प्रक्रिया के तहत प्रभु श्री गोवर्धनधरण की प्रेरणा सर्वोपरि है जिसके तहत मौसम के अनुसार तत सुख की भावना से पूज्य तिलकायत श्री की आज्ञा के अनुसार मुखियाजी के द्वारा श्रृंगार धराया जाता है.
- साज
- साज सेवा में आज हरे सफ़ेद लहरिया की सुनहरी ज़री की किनारी से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है.
- गादी, तकिया और स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है.
- चरणचौकी के साथ पडघा, बंटा आदि भी जड़ाऊ स्वर्ण के होते हैं.
- दो स्वर्ण के पडघा में से एक पर बंटाजी व दुसरे पर झारीजी पधराई जाती है.
- सम्मुख में धरती पर त्रस्टी धरे जाते हैं.
- वस्त्र
- वस्त्र सेवा में श्रीजी को आज हरे सफ़ेद लहरिया का पिछोड़ा धराया जाता है.
- ठाड़े वस्त्र लाल रंग के होते हैं.
- श्रृंगार
- श्रीजी को आज छोटा हल्का श्रृंगार धराया जाता है.
- कंठहार, बाजूबंद, पौची, हस्त सांखला आदि सभी आभरण गुलाबी मीना के धराये जाते हैं.
- श्रीमस्तक पर गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, सुनहरी लूम तथा गोल चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.
- श्रीकर्ण में हीरा के एक जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.
- श्रीजी को फूलघर की सेवा में आज श्वेत एवं पीले पुष्पों की रंग-बिरंगी फूल पत्तियों की कलात्मक थागवाली दो मालाजी धरायी जाती हैं.
- श्रीहस्त में कमलछड़ी, लाल मीना के वेणुजी एवं दो वैत्रजी धराये जाते हैं.
- प्रभु के श्री चरणों में पैजनिया, नुपुर व बिच्छियाँ आभरण से मिलवा धराई जाती है.
- खेल के साज में पट हरा एवं गोटी चांदी की आती जाती है.
श्रीजी की राग सेवा:
- मंगला: दान केल बनी आज
- राजभोग: चलन न देत हो यह
- आरती: अरे तू कब भयो दध दानी
- शयन: गिरधर कोन प्रकृति तिहारी
- मान: चढ़ बड बिडर
- पोढवे: प्रेम के पर्यंक पोढे
- श्रीजी को दूधघर, बालभोग, शाकघर व रसोई में सिद्ध की जाने वाली सामग्रियों का नित्य नियमानुसार भोग रखा जाता है
- मंगला राजभोग आरती एवं शयन दर्शनों में आरती की जाती है
- श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है
- सांझी दर्शन: आज श्रीजी मंदिर के कमल चौक की हाथीपोल की देहरी व प्रांगण में श्रीमद गोकुल, ठकुरानी घाट के भाव की सांझी बनायी जाती है.
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जय श्री कृष्ण
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