नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद)। श्रीजी(लेखिका- डॉ. (श्रीमती) नीता माथुर) का लोकार्पण 4 अक्टूबर को हैबीटेट सेंटर में हुआ। पुस्तक में महाराजजी द्वारा संगीत शास्त्र के विविध तत्वों एवं प्राचीन शैलियों को समाहित कर के निर्मित सर्वांग संपूर्ण गायकी एवं शास्त्रीय हवेली संगीत सर्वांग गायकी, ध्रुपद में नोम तोम आलाप, तराने के अक्षरों पर महाराजजी की खोज एसंगीत नादयोग, लय योग आदि विषयों, कई अप्रचलित अक्षोप रागों में महाराज श्री द्वारा रचित बंदिशों को भी स्वरलिपि बद्ध कर के संकलित किया गया है।
इस समारोह मे महाराज जी के जीवन और संगीत यात्रा पर प्रसार भारती, दूरदर्शन केंद्र भारत सरकार द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई।
आज़ादी के अमृत महोत्सव को मनाते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ महाराजजी द्वारा रचित एवं स्वरबद्ध ‘जय भारतम’ रागमाला से हुआ जिसकी विद्यार्थियों ने बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति दी। समारोह का समापन आचार्य डॉ. (पं) गोकुलोत्सव जी महाराज और उनके सुपुत्र आचार्य डॉ. व्रजोत्सवजी महाराज के शास्त्रीय गायन से हुआ।