व्रज – पौष कृष्ण प्रतिपदा, शुक्रवार, 09 दिसंबर 2022
संक्षिप्त जीवन परिचय
- आपका जन्म विक्रम संवत २००५ में पौष कृष्ण प्रतिपदा को मुंबई में हुआ.
आप – नित्यलीलास्थ गौस्वामी तिलकायत श्री गोविन्दलालजी महाराजश्री के ज्येष्ठ पुत्र व वर्तमान गौस्वामी तिलकायत श्री इन्द्रदमनजी (श्री राकेशजी) महाराजश्री के ज्येष्ठ भ्राता थे. - आप जीवनभर श्री गोवर्धनधरण प्रभु एवं श्री नवनीतप्रियाजी के सुखार्थ गुप्त मनोरथ करने के आग्रही थे.
- आप मनोरथ की भाव-भावना को विचार कर प्रभु के सुखार्थ अनेक रसमय सामग्रियां, श्रृंगार व मनोरथ करते थे.
- आपका उपनयन संस्कार जतीपुरा में एवं विवाह नाथद्वारा में हुआ था.
आपने विक्रम संवत २०२३ में नाथद्वारा पधारकर आज का श्रृंगार प्रारंभ किया था. श्रीजी प्रभु को आपने अनेक आभूषण भेंट किये. जीवन भर आप प्रभु सेवा में व्यस्त रहे एवं जीवन के अंतिम वर्षों तक स्वास्थ्य की प्रतिकूलता होने पर भी श्री गोवर्धनधरण प्रभु को विविध मनोरथों द्वारा लाड लड़ाते थे. - आपने श्रीजी के विग्रह स्वरुप श्री मदनमोहनजी, श्री नवनीतप्रियाजी, द्वितीय पीठाधीश्वर श्री विट्ठलनाथजी एवं प्रभु श्री द्वारिकाधीशजी (कांकरोली) को नाथद्वारा के समीप प्रभु के कछुवाई के बाग़ में पधरा कर भव्य फाग का अद्भुत मनोरथ किया था जिसे नगरवासी एवं वैष्णव आज भी याद करते हैं.
- आप नगरवासियों और व्रजवासियों में भी अत्यंत लोकप्रिय थे. आज दिनभर श्री गुसांईजी की बधाई के कीर्तन गाये जाते हैं.
- विशेष रूप से कृष्ण गोविन्द परिवार पर आपका निजी स्नेह सदैव रहा.
- सभी वैष्णवों को प्रिय श्री दाऊबावा के जन्मोत्सव की अनेकानेक बधाईयाँ
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जय श्री कृष्ण
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