राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीमए 2011 के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार करने हेतु दिनांक 23 नवंबर 2022 को समय 04:30 बजे आलोक सुरोलिया, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला एवं सेशन न्यायाधीश, राजसमन्द की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन जिला एवं सेशन न्यायाधीश के अवकाशगार में किया गया।
मनीष कुमार वैष्णवए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमन्द ने बताया कि उक्त बैठक में प्राप्त 11 आवेदन पत्रों पर गहन विचार विमर्श करने हेतु कमेटी के समक्ष रखे गये जिनमे से 2 हत्या एवं पोक्सो के प्रकरणों में लगभग 2,75,000 की राशि, तथा 8 बालश्रम के प्रकरणों में 80,000 रू. की पीड़ित प्रतिकर राशि स्वीकृत की गयी एवं 1 आवेदन को निरस्त किया गया। इस प्रकार कुल 10 प्रकरणो में 3,55,000 रूपये की राशि स्वीकृत की गयी।
उन्होंने बताया कि राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीमए 2011 के अन्तर्गत हत्या, बलात्कारए लूट, एसिड अटैक आदि अपराध के परिणाम स्वरूप हानि या क्षति से ग्रस्त व्यक्तियों एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु धारा 357क दण्ड प्रक्रिया संहिताए 1973 एवं राजस्थान सरकार द्वारा लागू की गई इस स्कीम के अन्तर्गत “पीड़ित प्रतिकर निधि” के नाम से एक निधि का गठन किया गया है, जिसके तहत इस प्रकार के अपराध से पीडित पक्ष को अधिकतम 05 लाख रूपये तक की राशि प्रतिकर/ पुनर्वास हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाती है।
ऐसे मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के उपरांत तत्काल अंतरिम सहायता प्रदान किये जाने के भी प्रावधान है। उक्त बैठक में कमेटी के सदस्य संतोष मितल, न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जितेन्द्र गोयल, मुख्य न्यायिक मजिसट्रेट नीलाभ सक्सेना, जिला कलक्टर, श्री सुधीर चौधरी, जिला पुलिस अधीक्षक, श्री रामचरण शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर, राजसमंद, श्री हर्षवर्धन सिंह राठौड़, अध्यक्ष बार एसोसिएशन, जयदेव कच्छावा, लोक अभियोजक उपस्थित रहें।